कसम से तेरी बहुत याद आ रही है पता है क्यों - विकास Yudi


कसम से तेरी बहुत याद आ रही है पता है क्यों, आज फ़िर से वही खासी आने लगी हैं जिसके आने और तुम मुझे बहुत डांट लगाया करती थी ना, आज भी तुम्हारे दिए हुए सिरप को मैंने बहुत ही संभाल कर रखा हू पता है क्यों, उसमे से आज भी तेरे हाथों की खुशबू उसमे से आती, हा अब भी ठीक नहीं हुआ हूं पता है क्यों, जो दवा तेरे हाथों से नहीं पिया हूं, हा जल्दी ही ठीक हो जाऊंगा पता है क्यों, तुमसे जो सीखा है तुम्हार हाथों वाला चाय बनाना।

© विकास-Yudi