सपनों को तुम भी देखो , तुमको किसने रोका है - विकास Yudi PSIR अक्तूबर 03, 2019 दिसंबर 28, 2019 सपनों को तुम भी देखो , तुमको किसने रोका है। चल दो सपनों की राह में , तुमको किसने रोका है। थक कर तुम क्यों बैठे हो , तुमको किसने रोका है। सपने को तुम पूरा करो , तुमको किसने रोका है। ©विकास कविता Twitter Telegram Pinterest Linkedin Tumblr Line Email Salin link
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