इतना सब कुछ किसके लिए - विकास Yudi


कभी-कभी सोचता हूं मैं इतना सब कुछ किसके लिए जिसके लिए करता हूं वो देखती ही नहीं, और जो देखते हैं वो समझते नहीं, और जो समझते हैं वो बोलते नहीं, जो बोलते नहीं वो कुछ बताते ही नहीं, और जो बताते नहीं उनसे पूछना ही क्या

© विकास-Yudi