तुम्हें बड़ा नाज़ था हमारी दोस्ती पर - विकास Yudi


तुम्हें बड़ा नाज़ था हमारी दोस्ती पर,
पर क्या हुआ तुम्हारे उस नाज़ का,
जो चंद दिनों में ही टूट गया,
वो तुम ही थी ना जो कहती थी,
देंगे साथ तुम्हारा तब भी जब,
तेरे अपने साथ छोड़ देंगे तुम्हारा,
अपनों ने तो नहीं छोड़ा साथ हमारा,
ना बदले अपने वक्त के इस दौर में,
पर कोई अपना भी था हमको प्यारा,
पर जो अब ना रहा हमारा,
अब जाके मैंने यह जाना अपने तो अपने है,
बाकी सब तो है बस एक दिखावा,

© विकास-Yudi