फिर भी तुझे देखते रहने की चाहत - विकास Yudi


न तुझे कभी जाना, न ही तुझे कभी पहचाना।
फिर भी तुझे देखते रहने की चाहत।
न तुझे कभी सुना, न ही तुझे कभी बोला।
फिर भी तुझे सुनने की चाहत।
न तेरे सुख का साथी, न ही तेरे दुःख का साथी।
फिर भी तेरी मुस्कुराहट का मै आशिक।
न कभी तेरे साथ रहा, न ही कभी तुझसे जुदा हुआ।
फिर भी तुझसे दूर होने का ग़म।

© विकास-Yudi