शायद मेरी गलती है तुझे बेपनाह चाहने की- Vikas Yudi

शायद मेरी गलती है तुझे बेपनाह चाहने की




शायद मेरी गलती है तुझे बेपनाह चाहने की,
बिना कुछ बोले बिना कुछ तुम्हें बताए,
बस तुम्हें चाहते रहना ही मेरी गलती है,
बिना किसी उम्मीद के तुझे देखते रहना,
तेरी एक झलक के लिए, बस कॉलेज आना,
बस एक तेरे लिए सबको नजरअंदाज करना,
तेरा ना दिखना, खुद को अकेला महसूस करना,
सैकड़ों की संख्या में बस तुझे ढूंढते रहना,
तेरी एक हंसी पर अपना हर गम भूल जाना,
तेरा मेरे पास से गुजरना, खुद को खुश पाना,
इन सबके बावजूद भी तेरा "न" कह देना,
तेरे "न" का असर मुझ पर ना होना,
फिर भी तेरे लिए मेरा प्यार कम ना होना,
आज भी तेरे लिए वही महसूस करते रहना,
तुम्हें जो डर है इस जमाने की, तू डर मत,
मैं कभी नहीं आऊंगा तेरे और इस जमाने के बीच,
कहीं दूर खड़ा तुझे देखता रहूंगा इस जमाने में,
जब तक तू ना कहेगी, नहीं आऊंगा तेरे पास,
बस तू एक बार कह दे, कि.. तू है बस मेरा,
फिर जब तक कहोगी , रुकूंगा मैं तेरे लिए तेरी कसम,

© Vikas Yudi